तकनीकी शिक्षा
तकनीकी शिक्षा जिसका राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है। तकनीकी शिक्षा का - स्वरूप इस तरह हो जिसमें एक श्रेष्ठ अभियंता के साथ-साथ एक श्रेष्ठ इंसान बन सके। तकनीकी शिक्षा पर कार्य 2016 में प्रारम्भ हुआ। शुरूआत में एनआईटी प्रयागराज, जालन्धर, सूरत, त्रिची एवं त्रिपुरा में कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। तकनीकी शिक्षा (NITS) के पाठ्यक्रम एवं पूर्ण व्यवस्था में किस प्रकार एवं क्या-क्या सुधार किये जा सकते है तथा इसकी गुणवता को किस प्रकार बढ़े। न्यास के द्वारा देश के प्रतिष्ठित संस्थानों भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), विश्वविद्यालयों के साथ विभिन्न विषयों को लेकर राष्ट्रीय संगोष्ठियाँ आयोजित की गई। विगत कई वर्षों से शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास प्रयास कर रहा है कि शिक्षा हमारी संस्कृति, प्रकृति एवं प्रगति के अनुरूप बने । विश्व के विकसित देशों में शिक्षा मातृभाषा में दी जा रही है। हमारे यहाँ तकनीकी शिक्षा अंग्रेजी भाषा में दी जा रही थी। न्यास का स्पष्ट मानना है कि मां, मातृभूमि, मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं हो सकता है। हाल ही में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षाप परिषद्, नई दिल्ली के द्वारा निर्णय लिया गया है कि अब अभियांत्रिकी की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ अन्य सात राज्यों की भाषा में भी होगी: -
- ऑनलाइन शिक्षण और सीखने के लिए शिक्षाशास्त्र
- वर्चुअल लैब
- ऑनलाइन मूल्यांकन और आकलन
- मूल्य शिक्षा और तकनीकी छात्रों का समग्र विकास
- कौशल विकास और उद्योग संस्थान इंटरैक्शन अकादमिक सामाजिक जिम्मेदारी
- आत्मनिर्भर भारत
- पर्यावरण और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी
- शिक्षक प्रशिक्षण
- भारतीय ज्ञान परंपरा का तकनीकी शिक्षा में समावेश
- अनुसंधान एवं विकास और नवाचार
- बहु-विषयक, बहु-प्रवेश एवं बहु निकासी, बहु संसीन तकनीकी शिक्षा